सीमित आसमान ही ठीक है मेरा, जहाँ उड़ान के लिए, गिरने के लिए, और संभलने के लिए, सिर्फ मैं ही हूँ, ये असीमित आसमान , सफर के मोह में , आदत लगा देता है , हर डगर कुछ पाने की, या फिर किसी मुसाफिर की। -मलंग ©Nensi Suchak 'मलंग' #Sunrise Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto