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सिंहासन शमशान हो,या हो शिखर सुदूर। चलने वाला ही स | हिंदी कविता Video

"सिंहासन शमशान हो,या हो शिखर सुदूर। चलने वाला ही सदा,    चले अकेला दूर।। कुछ करते-संताप हैं,कुछ को हर्ष विशेष। यादें बस अवशेष बन,  रह जाती हैं शेष।।  राजेश श्रीवास्तव राज ©Rajesh Srivastava "

सिंहासन शमशान हो,या हो शिखर सुदूर। चलने वाला ही सदा,    चले अकेला दूर।। कुछ करते-संताप हैं,कुछ को हर्ष विशेष। यादें बस अवशेष बन,  रह जाती हैं शेष।।  राजेश श्रीवास्तव राज ©Rajesh Srivastava

#MereKhayaal करन सिंह परिहार @Parvez @Birbhadra Kumari

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