चलता रहा रूक रूक कर जज़्बात विचारों तक पहुॅंचा , ख | हिंदी कविता Video

"चलता रहा रूक रूक कर जज़्बात विचारों तक पहुॅंचा , ख्वाहिशें पाल रखा था मै,वो सफर बहारों तक पहुॅंचा। रातभर उमड़ता रहा तुफान बेचैन कानों में रह -रहकर, सपना आंखों सें उतरकर,जमीं के सितारों तक पहुॅंचा। संतोष शर्मा 16/03/2023 ©santosh sharma "

चलता रहा रूक रूक कर जज़्बात विचारों तक पहुॅंचा , ख्वाहिशें पाल रखा था मै,वो सफर बहारों तक पहुॅंचा। रातभर उमड़ता रहा तुफान बेचैन कानों में रह -रहकर, सपना आंखों सें उतरकर,जमीं के सितारों तक पहुॅंचा। संतोष शर्मा 16/03/2023 ©santosh sharma

#सफ़र_ए_ज़िंदगी

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