पीले पड़ गए पन्नों पर सब लिखा है बिल्कुल वैसा ही, | हिंदी कविता

"पीले पड़ गए पन्नों पर सब लिखा है बिल्कुल वैसा ही, कागज के सिल्वटो के बीच मिट गए हैं कुछ शब्द । अस्पष्ट अक्षरों को पढ़ सकती हूं, बिना रुके आज भी, बीते भर की बिंदी में समाई हुई हूं मैं । अरसे से इस पर्ची ने धूप नहीं देखी है डायरी के कोनों में छुपी है, यह यहां वहां ,ताकि इसे कोई ढूंढ ना ले और जान ना जाए मेरा हाल। ©Vandana Soni Patidar"

 पीले पड़ गए पन्नों पर सब लिखा है बिल्कुल वैसा ही, कागज के सिल्वटो के बीच मिट गए हैं 
कुछ शब्द ।
अस्पष्ट अक्षरों को पढ़ सकती हूं, बिना रुके आज भी, बीते भर की बिंदी में समाई हुई हूं मैं ।
अरसे से इस पर्ची ने धूप नहीं देखी है डायरी के कोनों में छुपी है, यह यहां वहां ,ताकि इसे कोई ढूंढ ना ले और जान ना जाए मेरा हाल।

©Vandana Soni Patidar

पीले पड़ गए पन्नों पर सब लिखा है बिल्कुल वैसा ही, कागज के सिल्वटो के बीच मिट गए हैं कुछ शब्द । अस्पष्ट अक्षरों को पढ़ सकती हूं, बिना रुके आज भी, बीते भर की बिंदी में समाई हुई हूं मैं । अरसे से इस पर्ची ने धूप नहीं देखी है डायरी के कोनों में छुपी है, यह यहां वहां ,ताकि इसे कोई ढूंढ ना ले और जान ना जाए मेरा हाल। ©Vandana Soni Patidar

#crushedpaper

People who shared love close

More like this

Trending Topic