Unsplash ग़ज़ल पारखी ने एक बार मेरी ग़ज़ल का ज़ायज़ा लेने के बाद अलोचना यह कर दीं कि मुझे गज़ल लिखने का हुनर नहीं आता और मेरी ग़ज़ल को पद कर न किसी के दर्द ने इज़ाफ़ा हैता है न किसी का दर्द कम होता है ©Parasram Arora आलोचना Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto