आपका अंदाज़, आपकी पहचान है,
हर नज़र में सजे, ऐसा कौन इंसान है।
खटकना भी दिखाता है कि असर है आपमें,
वरना इस भीड़ में हर कोई अंजान है।
हर चेहरे पर मुस्कान लाना जरूरी नहीं,
अपने होने का एहसास कराना जरूरी नहीं।
जो नाम हो लबों पर दुआ की तरह,
वो हर जगह बस जाना जरूरी नहीं।
इसी में छिपा है जिंदगी का सबक,
हर दिल को जीतने का काम अलग।
जो तीर-सी चुभ जाए निगाहों में,
ऐसे लोगों का मुकाम अलग।
©नवनीत ठाकुर
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