शांत दिखने वाला सागर बहुत बैचैन है लहरों का आना-जाना यूंही चलता है लेकिन सागर के भीतर इक मंथन सदा चलता है जरूरी नहीं हर दम अमृत निकले अमृत के साथ विष भी निकलता है लेकिन हर बार विष पीने के लिये नीलकंठ शिव कहां मिलता है ©Beena Kumari कविताएं Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto