ना दिल ना हीं जज्बातों का ख्याल करते हैं
कुछ लोग जिंदगी में बस इस्तेमाल करते हैं
जिनसे उम्मीद नहीं होती है तड़पाएंगे कभी
वही जिंदगी को जीना क्यों बेहाल करते हैं
खुद ही तोड़ कर सच्चे आंशिक का दिल यहां
सितमगढ़ खुद ही यहां मोहब्बत पर सवाल करते हैं
वो सच्चा प्यार भला समझे भी कैसे
जिसको इंतजार का मतलब नहीं पता
दिल- ए -बीमार का मतलब नहीं पता
तो तुमको प्यार का मतलब नहीं पता
सरकार का मतलब भी तो तुमने है बताया
कि वादा करके तुमने ही ना निभाया
किसी की करके तबाह पूरी जिंदगी यारों
कुछ तो करते नहीं मलाल है कमाल करते हैं
जिन्हें आसानी से मिल जाए मोहब्बत का़दर क्या जाने
वह कदर जाने जो इंतजार माह-ओ-साल करते हैं
©Shubhanshi Shukla