White सिसक सी है इस दिल में कहीं
कि जितनी मैं तुम्हारी बनी
उतने तुम मेरे नहीं
वक्त आती है ऐसी कोई कभी
जब निगाहें मांगती है साथ तुम्हारी
तुम खुद तिरसकार से आंखें नम कर देते हो तभी
मैं अब मुस्कुराना सीख गई हूं भले ही
मगर तुम शायद खो रहे हो मुझे कहीं
उम्मीद का दीपक तो बुझा रहे हो तुम
कि दिल दुखित करके भी नज़रअंदाज़ जो कर देते हो तुम
शायद प्रेम का शबब मुझे ही सीखा रहे हो तुम
जिसने हर पल तुम्हारे राहों में ढ़ाल बनी चल रही
©Priyanka Pandit (परी)
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