दाँव पेंच राजनीति,
जनता क्यों मुहाल है ,
फंद लोभ लालसा के,
छिड़ा घमासान है।
अयोध्या हो गतिमान,
झेले वर्षों संघर्ष जो,
साध के प्रयास सांँझे
श्री विराजमान हैं ।
महा धर्म है भारती,
सत्य कर्म निभाते जो,
अवध लला श्री राम,
सदा पहचान हैं।
राम चरित मानस,
मान्य वरदान सदा ,
देश का अभिमान है,
मोदी मही शान हैं ॥
©अलका गुप्ता 'भारती'