होकर तुझसे दूर, तेरी याद में ओ साथी
लिखता हूँ तेरी ख़ातिर मैं प्यार के तराने
क्यों तड़पाती है मुझको, हसीं है मौसम
तू आजा मुझसे मिलने बारिश के बहाने
हम-तुम, तुम-हम रहते इक-दूजे में गुम
क्या दिलनशीं शामें, कैसे थे दिन सुहाने
आज फिर उसी तरह हो जाए 'हम-तुम'
तू आजा मुझसे मिलने बारिश के बहाने
इक तेरी ख़ातिर सब हार सकता हूँ 'मैं'
तू सही, मैं ग़लत, आ भी जा मुझे हराने
बेबस तेरे प्यार में, यार बैठा इंतज़ार में
तू आजा मुझसे मिलने बारिश के बहाने
©Mahesh Kumar 'Maddy'
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