बहुत हुई अब आंख मिचौली, मृत आत्म सम्मान बचाना है। | हिंदी कविता

"बहुत हुई अब आंख मिचौली, मृत आत्म सम्मान बचाना है। पल पल घुटते हुए धैर्य को, अब गहरी नींद सो जाना है। मेरे खुशीयों के घने विटप की, हर डाली सुनी रह जाएगी। और फिर एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी ©Ritika Vijay Shrivastava"

 बहुत हुई अब आंख मिचौली,
मृत आत्म सम्मान बचाना है।
पल पल घुटते हुए धैर्य को,
अब गहरी नींद सो जाना है।
मेरे खुशीयों के घने विटप की,
हर डाली सुनी रह जाएगी।
और फिर एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी

©Ritika Vijay Shrivastava

बहुत हुई अब आंख मिचौली, मृत आत्म सम्मान बचाना है। पल पल घुटते हुए धैर्य को, अब गहरी नींद सो जाना है। मेरे खुशीयों के घने विटप की, हर डाली सुनी रह जाएगी। और फिर एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी ©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird प्यार पर कविता कुमार विश्वास की कविता कविताएं कविताएं हिंदी दिवस पर कविता

People who shared love close

More like this

Trending Topic