हम रहे या न रहे दोस्तों
यह देश रहना चाहिए।
याद कर कुर्बानी वीरों की
देशप्रेम से मन भरना चाहिए।
मजहबी चश्मा उतारो
न करो दंगे फसाद ।
चल रही है मुक्त पवन
फिर कैसा है ये अवसाद?
नफरतों का मैल अब
दिल से धोना चाहिए ।
हम रहे ना रहे दोस्तों
यह देश रहना चाहिए।
©Archana Nepal
#RepublicDay