कुछ लम्हों पर लिखा जा चुका। कुछ लम्हों पर लिखना ब | हिंदी Poetry

"कुछ लम्हों पर लिखा जा चुका। कुछ लम्हों पर लिखना बाकी है। बस यादों का इक गुबार हैं हम। इन यादों में मर मिटना बाकी है। ©मनीष कुमार पाटीदार"

 कुछ  लम्हों पर लिखा जा चुका।
कुछ लम्हों पर लिखना बाकी है।

बस यादों का इक गुबार हैं हम।
इन यादों में मर मिटना बाकी है।

©मनीष कुमार पाटीदार

कुछ लम्हों पर लिखा जा चुका। कुछ लम्हों पर लिखना बाकी है। बस यादों का इक गुबार हैं हम। इन यादों में मर मिटना बाकी है। ©मनीष कुमार पाटीदार

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