सिर्फ़ कह देने भर से ही हर ग़म कम नहीं होता,
ग़र कहना ही सबकुछ होता तो मरहम नहीं होता।।
अरसे से कर रहा हूँ क़ोशिश के दर्द मिटा पाऊं दिल का,
और तुम कहते हो दिल्लगी में कोई ज़ख्म नहीं होता।।
कोई भी आकर कहता है मुझसे...भूल जाने को उन्हें,
मैं कैसे ये समझाऊ प्यार दो दिन में ख़त्म नहीं होता।।
बेवफ़ा कह कर ठुकराया था जो उन्होंने मुझे,
उन्हें भी तो बताना है के संगदिल हर सनम नहीं होता।।
©Prabhakar Dwivedi
#love
#Broken