रोज़ प्रातः एक गौरेयों का झून्ड आंगन में मेरे आती है नीन्द मे ही मैं होती हूँ जब वो संगीत शरबरती मुझको सुनाती है शरबत से भी मीठी उसकी चू चू बोली मेरा रोम-रोम हरसाती है रोज़ प्रातः एक गौरयों का झुण्ड मुझको जगाने आंगन में मेरे आती है । -ऋता 🌼🌻 ©gudiya #IFPWriting Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto