White यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क | हिंदी शायरी

"White यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम। रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो, हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम। जब दिलरुबा तुम मेरी ही हो, नज़रों से क्यों ना इशारे करते तुम। मेरी हर खुशी से जुड़े हो जो, फिर मुलाक़ात क्यों ना करते तुम। तुम्हें पता है, तुमसे मोहब्बत है, फिर मुझपर ऐतबार क्यों ना करते तुम। माना कि दुनिया साथ नहीं देती, लेकिन खुद को क्यों हार मानते तुम। दिल की बातें जो तुम समझते हो, अपने जज़्बात क्यों छुपाते तुम। तुम मेरे जहां का हिस्सा हो, फिर करीब आकर क्यों ना रहते तुम। बंदिशें तोड़ने का हौसला रखो, इस दिल के अरमान क्यों रोकते तुम। जिंदगी संग गुजारने का ख्वाब है, फिर साथ में क्यों ना चलते तुम। दुनिया के डर को भूलो ज़रा, अपने सपनों को उड़ान क्यों ना देते तुम। सिर्फ तुम्हारा ही नाम है लबों पर, फिर मेरा हिस्सा क्यों ना बनते तुम। ©theABHAYSINGH_BIPIN"

 White यूहीं बात क्यों ना करते तुम,
जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम।
रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो,
हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम।

जब दिलरुबा तुम मेरी ही हो,
नज़रों से क्यों ना इशारे करते तुम।
मेरी हर खुशी से जुड़े हो जो,
फिर मुलाक़ात क्यों ना करते तुम।

तुम्हें पता है, तुमसे मोहब्बत है,
फिर मुझपर ऐतबार क्यों ना करते तुम।
माना कि दुनिया साथ नहीं देती,
लेकिन खुद को क्यों हार मानते तुम।

दिल की बातें जो तुम समझते हो,
अपने जज़्बात क्यों छुपाते तुम।
तुम मेरे जहां का हिस्सा हो,
फिर करीब आकर क्यों ना रहते तुम।

बंदिशें तोड़ने का हौसला रखो,
इस दिल के अरमान क्यों रोकते तुम।
जिंदगी संग गुजारने का ख्वाब है,
फिर साथ में क्यों ना चलते तुम।

दुनिया के डर को भूलो ज़रा,
अपने सपनों को उड़ान क्यों ना देते तुम।
सिर्फ तुम्हारा ही नाम है लबों पर,
फिर मेरा हिस्सा क्यों ना बनते तुम।

©theABHAYSINGH_BIPIN

White यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम। रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो, हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम। जब दिलरुबा तुम मेरी ही हो, नज़रों से क्यों ना इशारे करते तुम। मेरी हर खुशी से जुड़े हो जो, फिर मुलाक़ात क्यों ना करते तुम। तुम्हें पता है, तुमसे मोहब्बत है, फिर मुझपर ऐतबार क्यों ना करते तुम। माना कि दुनिया साथ नहीं देती, लेकिन खुद को क्यों हार मानते तुम। दिल की बातें जो तुम समझते हो, अपने जज़्बात क्यों छुपाते तुम। तुम मेरे जहां का हिस्सा हो, फिर करीब आकर क्यों ना रहते तुम। बंदिशें तोड़ने का हौसला रखो, इस दिल के अरमान क्यों रोकते तुम। जिंदगी संग गुजारने का ख्वाब है, फिर साथ में क्यों ना चलते तुम। दुनिया के डर को भूलो ज़रा, अपने सपनों को उड़ान क्यों ना देते तुम। सिर्फ तुम्हारा ही नाम है लबों पर, फिर मेरा हिस्सा क्यों ना बनते तुम। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_quotes
यूहीं बात क्यों ना करते तुम,
जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम।
रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो,
हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम।

जब दिलरुबा तुम मेरी ही हो,
नज़रों से क्यों ना इशारे करते तुम।

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