Unsplash किताबें बोलती नहीं लेकिन राज सबकी खोलती हैं,
आँखें दिमाग में होती नहीं लेकिन देखती सबको हैं।
नसीहत मिले या न मिले राजदार सबके होते हैं,
दुनियां दिखे या न दिखे दुनियां देखती सबको है।
मुकाम मिले या न मिले मुकाम की तलाश सबको होती है,
समय को हम खोजें या ना खोजें समय खोजती सबको है।
©डॉ.अजय कुमार मिश्र
समय