"जीवन में कुछ तो कमी लग रही है,
उम्र तो ढल रही है,
पर रह-रहकर जीने की ख़्वाहिशें मचल रही हैं।
एहसासों को हवा लग रही है,
ज़िन्दगी है कि इम्तिहानों से ही गुजर रही है,
ख्वाबोंख्यालों की इन बातों से आँखें नम हो रही हैं।
जीवन में यही कमी लग रही है,
अरमान तो बहुत हैं पर साँसें कम हो रही हैं।।"