#अतिशीघ्र,,अब क्यों बिलखते हो यूँ मुझसे नज़र कर
तब कहती थीं तुम ऐसे और वैसे हो ।
बहुत इल्ज़ामात लगाये थे तुमने मेरी मासूमियत पर
अब ढूंढ के ले आओ उन्हें जो खुदा जैसे हों।
और अब बसर कर रहा हूँ ,,हिज़्र में अपनी ज़िन्दगी
क्या फ़र्क पड़ रहा है, तुम कहा और कैसे हो ।