ख्वाहिशों का कारवां थमता नहीं कभी, एक नए ख्वाब का | हिंदी शायरी

"ख्वाहिशों का कारवां थमता नहीं कभी, एक नए ख्वाब का इंतज़ार बाकी है। हर ख्वाहिश की मंज़िल न मिले हमें, फिर भी आँखों में सपनों का सफर बाकी है।। दोस्ती की राहों में कई मोड़ आते हैं, हर मुश्किल में एक साथी का साथ बाकी है। दूरियाँ कुछ पल की ही सही, मगर दिल में दोस्ती का एहसास बाकी है।। सच की राह में काँटों की कमी नहीं, झूठ की चमक से मगर दूर रहना बाकी है। हर छलावे से बच निकले जो हौंसले से, उस सच की जीत का यकीन बाकी है।। जुनून की आग में सपनों की तपिश है, हर कोशिश में वो लहू का रंग बाकी है। थकान की हर दीवार को लांघने का इरादा, इस जुनून में हर ख्वाब को पाना बाकी है।। तारों की रात में खामोशी कुछ कह रही है, हर तारे में उसकी झलक बाकी है। आसमान की गोद में वो सपने संजोए, इस रात को एक नया सवेरा लाना बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर"

 ख्वाहिशों का कारवां थमता नहीं कभी,
एक नए ख्वाब का इंतज़ार बाकी है।
हर ख्वाहिश की मंज़िल न मिले हमें,
फिर भी आँखों में सपनों का सफर बाकी है।।
दोस्ती की राहों में कई मोड़ आते हैं,
हर मुश्किल में एक साथी का साथ बाकी है।
दूरियाँ कुछ पल की ही सही, मगर
दिल में दोस्ती का एहसास बाकी है।।
सच की राह में काँटों की कमी नहीं,
झूठ की चमक से मगर दूर रहना बाकी है।
हर छलावे से बच निकले जो हौंसले से,
उस सच की जीत का यकीन बाकी है।।
जुनून की आग में सपनों की तपिश है,
हर कोशिश में वो लहू का रंग बाकी है।
थकान की हर दीवार को लांघने का इरादा,
इस जुनून में हर ख्वाब को पाना बाकी है।।
तारों की रात में खामोशी कुछ कह रही है,
हर तारे में उसकी झलक बाकी है।
आसमान की गोद में वो सपने संजोए,
इस रात को एक नया सवेरा लाना बाकी है।।

©नवनीत ठाकुर

ख्वाहिशों का कारवां थमता नहीं कभी, एक नए ख्वाब का इंतज़ार बाकी है। हर ख्वाहिश की मंज़िल न मिले हमें, फिर भी आँखों में सपनों का सफर बाकी है।। दोस्ती की राहों में कई मोड़ आते हैं, हर मुश्किल में एक साथी का साथ बाकी है। दूरियाँ कुछ पल की ही सही, मगर दिल में दोस्ती का एहसास बाकी है।। सच की राह में काँटों की कमी नहीं, झूठ की चमक से मगर दूर रहना बाकी है। हर छलावे से बच निकले जो हौंसले से, उस सच की जीत का यकीन बाकी है।। जुनून की आग में सपनों की तपिश है, हर कोशिश में वो लहू का रंग बाकी है। थकान की हर दीवार को लांघने का इरादा, इस जुनून में हर ख्वाब को पाना बाकी है।। तारों की रात में खामोशी कुछ कह रही है, हर तारे में उसकी झलक बाकी है। आसमान की गोद में वो सपने संजोए, इस रात को एक नया सवेरा लाना बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर

#इंतेज़ार बाकी है

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