तुम्हे बताऊंगा अपने दिल का हाल
तब तुम्हे पता लगेगा मेरे मन का उबाल
एक साल भी नहीं हुआ हमें
लेकिन साल भर बढ़ गया तुम्हारी उम्र का
मिश्री खाके बोलती हो
आँखों से ही प्यार लुटाती हो
मुझे बिना हक़ के आजादी देकर
क्यों मुझे मेरी नजरों से गिराती हो
मोटी सी आँखे गोल से गाल
बाँहो में भरलो और जानलो मेरा हाल
आखिर तक साथ नहीं होंगें
लेकिन साथ क्यों नहीं है ये होगा सवाल
©Shubham joshi
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