White ज़रा शौक़ से मेरे जायके को अगर चखा होता
मेरा यकीन कर मैं तेरी ज़ुबान से नही जाता
हमेशा हामेश रहता मैं तेरे दिल के अंदर
मैं कभी तेरे दिल के मकान से नही जाता
फूल बन कर मैं तेरे आस पास ही रहता
मैं चाह कर भी तेरे गुलदान से नही जाता
मुस्कुरा कर अगर जंग में जाने की इज़ाजत दी होती
मेरा वादा था मैं जान से नही जाता
फायदे मंद अगर नही होती तेरे जिस्म के लिए
मैं धूप बन कर कभी आसमान से नही आता
मैंने रट लिया है तुम्हे एक गज़ल की तरहां
अब तेरा नाम मेरी ज़ुबान से नही जाता
मेरे ज़हन में तुम इस तरहां छा गई हो
अब तेरा ध्यान भी मेरे ध्यान से नही जाता
©Shoheb alam shayar jaipuri
#Sad_Status शेरो शायरी