परेशाँ दोनों बहुत है अपने अपने शिकवों शिकायतों स | हिंदी Shayari

"परेशाँ दोनों बहुत है अपने अपने शिकवों शिकायतों से वो कहें याद आती नहीं तुम्हें ,मैं कहूं याद जाती नहीं तुम्हारी ... ऋतेश मिश्र ©Ritesh Mishra"

 परेशाँ दोनों बहुत है अपने अपने शिकवों  शिकायतों  से 
वो कहें याद आती नहीं तुम्हें ,मैं कहूं याद जाती नहीं तुम्हारी ...

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra

परेशाँ दोनों बहुत है अपने अपने शिकवों शिकायतों से वो कहें याद आती नहीं तुम्हें ,मैं कहूं याद जाती नहीं तुम्हारी ... ऋतेश मिश्र ©Ritesh Mishra

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