White रचना दिनांक,22,1,दिसंबर 2024
वार रविवार
समय सुबह पांच बजे
्््शीर्षक ््
्््अल्फाज़ ए शायरा ््
् निज विचार ्
् भावचित्र ्
््शीर्षक ््
््,,मैं अक्सर तुम्हारे प्रेम को,,
अपने शब्दों में पिरो लेती हूं ््
आयना साफ़ कर देख रही हूं,,
तुम उठाओ कलम मेरी अभिव्यक्ति से,।1।
वो पाठकनामा से अपनी रूह में,,
एक नई प्रेम कहानी लिखना है।।2।
जो घर आंगन में आंखें खोल कर देखें तो,,
दुनिया कहेगी मैं जिंदगी की,
नई वीरांगना प्रेम रस की शब्द कुमारी।।3।।
इस दिल की, जो नवपीढियो में ,,
एक अलख जगाने वाली वो लफ्जो से ,
शौर्य साहस से लडने वाली अग्नि परीक्षा हूं।4
।अपने विचार कर्म प्रेम शब्द की शब्दावली में ,
अमर प्रेम की शाश्वत सत्यता की शब्दमाला बन जाऊंगी।।5।।
और तेरे ख्यालों में खोया हुआ आनंद मस्ती ,
छाई हुई मैं फिर खुशियों को लेकर आऊंगी।।6।।
्््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
©Shailendra Anand
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कवि शैलेंद्र आनंद