जो रूह से जुड़ने की ऊंची ऊंची बातें किया करता था।
मेरी बस झलक देखने के बहाने...
मुझे मिलने को जिद्द किया करता था।
मेरी बाते सुन ही.. आहें भरा करता था।
सोचते है क्या वो सब छलावा था,
पहली मुलाकात में कुछ ना दिखा हवस के इलावा था।
मेरे बदन को छूते उसके हाथ मेरी आत्मा को चीर रहे थे,
जड़ा चांटा जब उसके गाल पर,
उसके मगरमच्छ के आंसू कर पैदा भीड़ रहे थे।
दुनिया के सामने तुमने मुझे ही गलत ठहरा दिया,
ए हवस के पुजारी तूने ...
पाक इश्क की हस्ती को भी नीचे गिरा दिया।
©Vasudha Uttam
#Women #Nojoto