White उसको ऐसा वैसा कब समझा था, वह उड़ सके बस यह सम | हिंदी कविता

"White उसको ऐसा वैसा कब समझा था, वह उड़ सके बस यह समझा था। उड़ने को पंख खोलने ही पड़ते है, वह निश्चित उड़ेगा यह समझा था। written by:- संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena"

 White उसको ऐसा वैसा कब समझा था,
वह उड़ सके बस यह समझा था।

उड़ने को पंख खोलने ही पड़ते है,
वह निश्चित उड़ेगा यह समझा था।

written by:-
संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

White उसको ऐसा वैसा कब समझा था, वह उड़ सके बस यह समझा था। उड़ने को पंख खोलने ही पड़ते है, वह निश्चित उड़ेगा यह समझा था। written by:- संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

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