काग़ज़ की थी और समंदर असली थे, हो तो रहीं थी दुआयें कश्ती के लिए मगर . . . नमाजी नकली थे! अरुण प्रधान ©Arun pradhan Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto