White मैं पिता हूं
ईश्वर की कृपा से परिवार का हिस्सा हूं,
कुम्हार की चाक की तरह
परिवार को मूर्त रूप देने के लिए
बहुत तेज घूमता हूं, व
आकार देकर अपनें बच्चों को
झूमता हूं नाचता हूं गाता हूं,
कभी कभी गीत भी गुनगुनाता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं ।
इतना होने पर भी
बच्चों की खरी खोटी भी सुनता हूं
उन्हें खुश रखनें के लिए
ताना बाना बुनता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं ।
बच्चे अच्छे है मन के सच्चे है
अनुराधा और अभिषेक है
प्रत्युष मेरे दामाद,उनके अपनें विवेक है,
मैं अब भी अपनें सुख के लिए
अभी भी अपनें पिता के चरण दबाता हूं और
अपनें बच्चों को दिखता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं।।
©Ashok Verma "Hamdard"
#fathers_day