निकाल दो यादों से हमें ।
दिल को तसल्ली दे लेगे
कि अब भूल चुके हो तुम ॥
जहर जुदाई का मेरे हिस्से रहे दो ।
बहुत घुट घुट कर जी चुके हो तुम ॥
अंधेरो से कह दो उजालों की आदत नही हमें।
बहुत दीए उम्मीदों के जलाकर बुझा चुके हो तुम ॥
यूं गमों के समुन्दर में उतरा ना करो " शकुन '
कई किश्तियां भंवर में डूबो चुके हो तुम ॥
©Shakuntala Sharma
#lonely दिल से निकाल दो हमें । .