White की
तू सज धज कर श्रृंगार करे,मैं तेरे भाल सा कुमकुम हो जाऊ
तेरे हाथों की मेंहदी मे, मैं थोड़ा सा कही गुम हो जाऊ
ज्यों ज्यों बजती पेजनियां के ,शौर सा मैं तेरा हो जाऊ
तू लेकर छलनी जो छज्झर चढ़े मैं तेरे चाँद सा बादल मे हो जाऊ
कर कर हंसी ठिठोली देरतक, मैं थोड़ा सा तुमको दिख जाऊ
जैसे लगो निहारने तुम मुझको, मैं फिर बादल सा हो जाऊ
चलो बहुत हुई ये शैतानी , अब तुमको मैं दिख जाऊ
करो तैयारी पूजन की,मैं तुम्हारी छलनी मे समा जाऊ
By...... shayar...... gumnaam......20102024
©aazad parinda
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