कोमल है कमजोर नही,शक्ति का नाम नारी है।
न वो बेचारी है, न ही व्यथा दुखों से हारी है।
है सागर सी गहराई हृदय में,आकाश सी ऊंचाई है
सृजन प्रलय गोद में पलता, हौसलों से सफलता पाई है।
कोमल है कमजोर नही, वो आज भी सब पर भारी है ,
शक्ति का नाम ही नारी है।।
©praveen dubey
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