जाने क्या रिश्ता है,जाने क्या नाता है जितना भी उँड़ेलता हूँ,भर भर फिर आता है दिल में क्या झरना है? मीठे पानी का सोता है भीतर वह, ऊपर तुम मुसकाता चाँद,ज्यों धरती पर रात-भर मुझ पर त्यों,तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है! . ©Arpit Mishra मुक्तिबोध Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto