आज दिल भरा नही
कल फिर आना।
मिलन अभी अधूरा है,
कल मुकम्मल कर जाना।
मुश्किल से छुड़ा लेता हूं
हाथ तेरे हाथोंसे।
मेरे हाथोंसे तेरे हाथोंकी लकीरे जोड़ जाना।
तू होता है तो सदियांभी कट जाती है एक पल में।
कल आते हुए वक्त में बरकत ले आना।
ये वादियां ये नजारे महकते रहेंगे रातभर,
तेरे बदन का इत्र इन पे छिड़क जाना।
तेरे जानेसे गमगीन माहौल है।
दिलको रिझानेके लिए तेरा एहसास छोड़ जाना।
तेरे बाहोंकी नर्मी भुलाए भूलती नही।
तेरे लबोंकी गर्मी बुझाए बुझती नही।
तुम तो चले जाओगे मैं उलझा रहूंगा यही।
थम जाएगा वक्त, दिल न लगेगा कही।
दिल पे पत्थर रख कर,
तुम भी चली जाना।
बस इतनी इल्तज़ा है।
के कल फिर आना...।
©Azhar Golandaj