कहते हैं लोग मर गया हूं मैं
पर दोस्त सांसें अभी काफी हैं
हौंसले बुलंद हैं सामना करने को
तूफानों का सीना चीर बढ़ने को
मरी हैं तो सिर्फ उम्मीदें औरों से
और अहम अंदर का हो गया खत्म
जो कहते हैं डर गया हूं वो
हंसने वाले लोगों पर वक्त हंस रहा
किसी बात की फिक्र नहीं मुझे
हंसने के डर के आगे बढ़ गया हूं मैं ।।
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