"दिल को तेरी ख्वाहिश पहली बार हुई,
दरवाजे पर दस्तक की दरकार हुई,
मांगने वाले हिरे मोती मांगते है,
अश्को की फरमाईश पहली बार हुई,
लोग यहां चुप होकर के कुछ बैठे है,
यार रिबायत से भी अत्याचार हुई,
जिनको जिनको डूबना है आ जाए,
दरिया में गुंजाइश पहली बार हुई,
©Amit Dubey
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