"राज ग़र गहरे हो तो दिल में दबा दो
लिबास के पहरे हों तो ज़ोरो से हवा दो
हो जायेगा इक दिन दीदार ए मोहब्बत
तुम तो नज़रो से मुहब्बत का गवाह दो
#अतिशीघ्र नितेश उपाध्याय"
राज ग़र गहरे हो तो दिल में दबा दो
लिबास के पहरे हों तो ज़ोरो से हवा दो
हो जायेगा इक दिन दीदार ए मोहब्बत
तुम तो नज़रो से मुहब्बत का गवाह दो
#अतिशीघ्र नितेश उपाध्याय