होगी इस बार होली उनकी कुछ ऐसी,
उमरती फल्गुनाहट और बाँहों में प्रेयसी,
रंग लेंगे एक-दूजे को प्रेम रंग में ऐसे,
पानी संग रंग घुला हो जैसे।
लगाकर वो एक-दूसरे को रंग-गुलाल,
मनाएंगे मिलकर आज ख़ूब धमाल,
डूबकर प्रेम रंग में गाएंगे प्रीत के राग,
आज खुल कर नाचेंगे हाथ में हाथ थाम।
होगी इस बार होली उनकी कुछ ऐसी,
महबूब संग आज ख़ूब हमजोली होगी,
इश़्क-ए-मोहब्बत में महकता दिन होगा,
फ़िर तो हर दिन होली-सी रंगीन होगी।
©नेहा ईश्वर