आपको पसन्द है ऐसा जीवन तो आप खुब जीए लेकिन बच्चो को ऐसा जीवन ना दे।🙏
जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है।
बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है।
तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम भी बन पाए अच्छे माता पिता।
परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है।
कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है।
अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा, क्यों किसी को रिश्ते में घुटन होगी, जब हमें घर में कोई सुनने समझने वाला नही मिलता तो कोई गैर हमसे दो मीठी बातें बोल लेता है तो हम उसके झांसे में आजाते है। केवल अहम भाव से घर परिवार नही चलते।