अक्सर ये शाम की आहट मुझे बता रही है
की तुम मुझे भूला रहे हो आहिस्ता आहिस्ता ।।
खामोश जमाना हे की खामोस तुम हो गये
ये बात सता रहा है मुझे आहिस्ता आहिस्ता ।।
अब हाल भी पूछना मेरा तुम्हे दुस्बार हो गया
या हो जारहे हो किसी और का आहिस्ता आहिस्ता ।।
पल भर साथ निभाके क्यों चल देते हो हमेसा दूर
कभी तो समझते मेरे दिलको आहिस्ता आहिस्ता ।।
तुम मुझे छोड़ जाओ कोई गम नहीं हमें सनम
तोड़ना हे तोड़ो दिल पल थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता ।।
#lovebeat #ahista ahista first one many mistakes.