हम तो इस बात से हैरान हैं ।
मदद कर के भी परेशान हैं ।।
ऐसे शख़्स का क्या फायदा ।
जो ये तक न कह वो वरदान है ।।
अब तो उससे वास्ता भी नही मेरा।
जो समझे एक-दो दिन का मेहमान है ।।
है आरजू अब भी मिलने की अगर उसे ।
हर किसी के नजरों में बैठा यहां दरबान है ।।
©utkarsh sen
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