गैर हुए जो पल भर में उन अपनों के पीछे भागे दूर तलक हम जाने कितने रिश्तों के पीछे भागे हमने ख़ुद ही आंँखों के इस ख़ालीपन को भरा नहीं जाने कितने ख़्वाब हमारी आंँखों के पीछे भागे ~ मोहन मुंतज़िर ©Adbhut Alfaz #Raat Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto