#Happy_independence_day #स्वतंत्रता_दिवस_पर_मेरी_

"#Happy_independence_day #स्वतंत्रता_दिवस_पर_मेरी_स्वरचित_कविता 74 वां, ये आज़ादी दिवस है ,मिलकर हम सब भारत माँ के गुण गाएं। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।1।। याद करें हम, आज वो लम्हें, कैसे हमने आज़ादी पाई थी। कितने हँसते हुए चढ़ गए सूली पर, जाने कितनों ने सीने पर गोली खाई थी।। शहीद हुए, जो आज़ादी की खातिर, आज हम सम्मान में उनके, दीप जलाएं। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।2।। जातपात का मतभेद भुलाकर, मन को अपने सबल बनाएँ। एकता को विजय सूत्र बनाकर, भारत का स्वर्णिम कल बनाएँ।। ना धर्मवाद को दीवार बनाएँ, ना आरक्षण को ढाल बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।3।। प्रांतवाद और भाषावाद को क्यूँ, वैमनस्यता सी दरार बनाएँ। आपस के सब भेद भुलाकर,अखंड भारत परिवार बनाएँ।। एकता के सूत्र में बंधकर, फिर भारत बेमिशाल बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।4।। अगर गलत हों आप कहीं हो, तो खुद आगे बढ़ उसे स्वीकार करें। सहीं को सहीं और गद्दार को गद्दार कहें, क्यूँ व्यर्थ प्रतिकार करें।। धर्म से ऊपर देश रखें , राष्ट्रध्वज को स्वाभिमान बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।5।। जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, वंदेमातरम शान से गाएँ।। मैं रहूँ ना रहूँ, विश्वभाल पे चमकता हिंदुस्तान रहे, चलो ऐसा भाव जगाएँ। अनेकता में एकता सौंदर्य, ऐसे देश का स्वर्णिम भाल सजाएँ।। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।6।। अब जात-पात और धर्मवाद की देश में ना दीवारें हों, रंगभेद, प्रांतवाद,और भाषावाद की मन में, ना दरारें हों, हर भारतीय के मन में सिर्फ राष्ट्रनिर्माण की आशा हो। हम सबकी फिर, सिर्फ राष्ट्रवाद ही भाषा हों।। राष्ट्रप्रेम का दीप जला अंतर्मन में ,आओ फिर से स्वर्णिम देश सजायें। दे सलामी इस राष्ट्रध्वज को ,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।7।। ये देश मेरा न्यारा है, मुझे जान से प्यारा है। गर्व से कहतें है हम सब, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है।। भारत माता की जय। वन्दे मातरम्। स्वतंत्रता दिवस अमर रहे।"

 #Happy_independence_day

#स्वतंत्रता_दिवस_पर_मेरी_स्वरचित_कविता 

74  वां, ये आज़ादी दिवस है ,मिलकर हम सब भारत माँ के गुण गाएं। 
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।1।।

याद करें हम, आज वो लम्हें, कैसे हमने आज़ादी पाई थी।
कितने हँसते हुए चढ़ गए सूली पर, जाने कितनों ने सीने पर गोली खाई थी।।
शहीद हुए, जो आज़ादी की खातिर, आज हम सम्मान में उनके, दीप जलाएं।
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।2।।

जातपात का मतभेद भुलाकर, मन को अपने सबल बनाएँ।
एकता को विजय सूत्र बनाकर, भारत का स्वर्णिम कल बनाएँ।।
ना धर्मवाद को दीवार बनाएँ, ना आरक्षण को ढाल बनाएँ।
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।3।।

प्रांतवाद और भाषावाद को क्यूँ, वैमनस्यता सी दरार बनाएँ।
आपस के सब भेद भुलाकर,अखंड भारत परिवार बनाएँ।।
एकता के सूत्र में बंधकर, फिर भारत बेमिशाल बनाएँ।
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।4।।

अगर गलत हों आप कहीं हो, तो खुद आगे बढ़ उसे स्वीकार करें।
सहीं को सहीं और गद्दार को गद्दार कहें, क्यूँ व्यर्थ प्रतिकार करें।।
धर्म से ऊपर देश रखें , राष्ट्रध्वज को स्वाभिमान बनाएँ।
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।5।।

जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, वंदेमातरम शान से गाएँ।।
मैं रहूँ ना रहूँ, विश्वभाल पे चमकता हिंदुस्तान रहे, चलो ऐसा भाव जगाएँ।
अनेकता में एकता सौंदर्य,  ऐसे देश का स्वर्णिम भाल सजाएँ।।
दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।6।।

अब जात-पात और धर्मवाद की देश में ना दीवारें हों, 
रंगभेद, प्रांतवाद,और भाषावाद की मन में, ना दरारें हों, 
हर भारतीय के मन में सिर्फ राष्ट्रनिर्माण की आशा हो।
हम सबकी फिर, सिर्फ राष्ट्रवाद ही भाषा हों।।
राष्ट्रप्रेम का दीप जला अंतर्मन में ,आओ फिर से स्वर्णिम देश सजायें।
दे सलामी इस राष्ट्रध्वज को ,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।7।।

ये देश मेरा न्यारा है, मुझे जान से प्यारा है।
गर्व से कहतें है हम सब, 
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है।।

भारत माता की जय। वन्दे मातरम्।  स्वतंत्रता दिवस अमर रहे।

#Happy_independence_day #स्वतंत्रता_दिवस_पर_मेरी_स्वरचित_कविता 74 वां, ये आज़ादी दिवस है ,मिलकर हम सब भारत माँ के गुण गाएं। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।1।। याद करें हम, आज वो लम्हें, कैसे हमने आज़ादी पाई थी। कितने हँसते हुए चढ़ गए सूली पर, जाने कितनों ने सीने पर गोली खाई थी।। शहीद हुए, जो आज़ादी की खातिर, आज हम सम्मान में उनके, दीप जलाएं। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।2।। जातपात का मतभेद भुलाकर, मन को अपने सबल बनाएँ। एकता को विजय सूत्र बनाकर, भारत का स्वर्णिम कल बनाएँ।। ना धर्मवाद को दीवार बनाएँ, ना आरक्षण को ढाल बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।3।। प्रांतवाद और भाषावाद को क्यूँ, वैमनस्यता सी दरार बनाएँ। आपस के सब भेद भुलाकर,अखंड भारत परिवार बनाएँ।। एकता के सूत्र में बंधकर, फिर भारत बेमिशाल बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।4।। अगर गलत हों आप कहीं हो, तो खुद आगे बढ़ उसे स्वीकार करें। सहीं को सहीं और गद्दार को गद्दार कहें, क्यूँ व्यर्थ प्रतिकार करें।। धर्म से ऊपर देश रखें , राष्ट्रध्वज को स्वाभिमान बनाएँ। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।5।। जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, वंदेमातरम शान से गाएँ।। मैं रहूँ ना रहूँ, विश्वभाल पे चमकता हिंदुस्तान रहे, चलो ऐसा भाव जगाएँ। अनेकता में एकता सौंदर्य, ऐसे देश का स्वर्णिम भाल सजाएँ।। दे सलामी, इस राष्ट्रध्वज को, आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।6।। अब जात-पात और धर्मवाद की देश में ना दीवारें हों, रंगभेद, प्रांतवाद,और भाषावाद की मन में, ना दरारें हों, हर भारतीय के मन में सिर्फ राष्ट्रनिर्माण की आशा हो। हम सबकी फिर, सिर्फ राष्ट्रवाद ही भाषा हों।। राष्ट्रप्रेम का दीप जला अंतर्मन में ,आओ फिर से स्वर्णिम देश सजायें। दे सलामी इस राष्ट्रध्वज को ,आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं।।7।। ये देश मेरा न्यारा है, मुझे जान से प्यारा है। गर्व से कहतें है हम सब, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है।। भारत माता की जय। वन्दे मातरम्। स्वतंत्रता दिवस अमर रहे।

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