तुम्हारे होने के अलावा और कुछ भी मेरा नहीं।तुम्हारा होना भी ऐसा कि सालों से मिला तक नहीं। ये तो नहीं कहूँगा कि महसूस नहीं किया तुम्हें पर हां,अबतक छुआ तो नहीं! किसी के लिए इस सीमा तक आकर्षण कभी महसूस नहीं किया।क्या है जो तुम्हारी तरफ़ खींचता है मुझे?कभी सोचा नहीं कि मेरी किन ख़्वाहिशों में तुम पर्फ़ेक्ट बैठते हो।ऐसा क्यों लगता है कि मैं बिल्कुल तुम सा हो गया हूँ ? तुममें ऐसा क्या है कि केवल तुम्हें सोचना बस मेरे मन को सुकून से भर देता है?
©Pawan Dvivedi
#ArabianNight सुकून