जाने किस मिट्टी से उन लोगों को बनाया है ये खुदा तू | हिंदी कविता Video

"जाने किस मिट्टी से उन लोगों को बनाया है ये खुदा तूने गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलने का हुनर सिखाया है जिन्हे आज करते हैं दिखावा वो रिश्ते का हमसे जिसने। रिश्ते। में। रह कर रिश्ता कभी निभाया नही लगता। है। फितरत में ही है दगा उनके तभी तो किसी एक के हो कर वो रह पाए नही छोड़ा था साथ। मेरा उसने जिसके। । लिए शायद उसे भी। वफा। कर। पाए। नही लगता है पैसों से। ही। खास यारी है उसकी तभी तो किसी एक इंसान के होकर वो रह पाए नही खेर। होगी। फितरत। रंग। बदलने। की उनकी हमें। रंग। बदलने की। आती नही। कला। कोई निभाते हैं रिश्ते दिल से पैसों पर हम बिकते नही बिठा। ले। दिल में जिसे जान भी दे दे उन्हे पर। धोखे। बाजों। से। रिश्ता। हम। निभाते। नही बड़े। भोले हैं हम षड्यंत्र किसी का समझते नही पर उतर गया नजरो सेजोएक बार फिर मुड़ कर उसकीओर देखते नही बता दे तू ही खुदा ये उन्हे वो कुछ भी नही अब हमारे लिए जो प्यार के बदले। दो। पल प्यार के हमें दे ना सके ना करे अब वो झूठा दिखावा अपनेपन का जो अपना हमें बना ना सके ©Ashu Dwivedi"

जाने किस मिट्टी से उन लोगों को बनाया है ये खुदा तूने गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलने का हुनर सिखाया है जिन्हे आज करते हैं दिखावा वो रिश्ते का हमसे जिसने। रिश्ते। में। रह कर रिश्ता कभी निभाया नही लगता। है। फितरत में ही है दगा उनके तभी तो किसी एक के हो कर वो रह पाए नही छोड़ा था साथ। मेरा उसने जिसके। । लिए शायद उसे भी। वफा। कर। पाए। नही लगता है पैसों से। ही। खास यारी है उसकी तभी तो किसी एक इंसान के होकर वो रह पाए नही खेर। होगी। फितरत। रंग। बदलने। की उनकी हमें। रंग। बदलने की। आती नही। कला। कोई निभाते हैं रिश्ते दिल से पैसों पर हम बिकते नही बिठा। ले। दिल में जिसे जान भी दे दे उन्हे पर। धोखे। बाजों। से। रिश्ता। हम। निभाते। नही बड़े। भोले हैं हम षड्यंत्र किसी का समझते नही पर उतर गया नजरो सेजोएक बार फिर मुड़ कर उसकीओर देखते नही बता दे तू ही खुदा ये उन्हे वो कुछ भी नही अब हमारे लिए जो प्यार के बदले। दो। पल प्यार के हमें दे ना सके ना करे अब वो झूठा दिखावा अपनेपन का जो अपना हमें बना ना सके ©Ashu Dwivedi

#Dhokha

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