White सीखे असलोक और कबीत छंद नाद सब
ज्योतीष को सिखे जो मन रहे गरूरी में।
सीखे सब जन्त्र मन्त्र मन्त्रन को सिख लेत,
पिंगल पुराण सिखे भये शुर में॥
सिखी सब सौदागिरी बज्जाजी सराफी सिखी,
लाखन को हेर फेर ब्रह्म जाए पुर में।
‘निपट नवीन ये प्रवीण सुविन लीन,
हरि भजोयो ना सीखो सब सिखो ग्यो धुर में॥
©deepak goyal
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