तुमसे बात करना एक आदत बन गई थी,
तुमपे शायरी बनाना भी एक आदत बन गई थी।
जबसे तुमने बातें बंद कर दी,
तब से बेचैन था मैं।
अब शायद फिर तुम्हारे साथ तुमसे जुड़ी
आदतों का सुकून वापस लौट आ जाए।
क्या पता,
शायद मुझे मेरे जीने का मतलब मिल जाए।
©shayar_dillwala
तुमसे बात करना एक #आदत बन गई थी,
तुमपे शायरी बनाना भी एक आदत बन गई थी।
जबसे तुमने बातें बंद कर दी,
तब से बेचैन था मैं।
अब शायद फिर तुम्हारे साथ तुमसे जुड़ी
आदतों का सुकून वापस लौट आ जाए।
क्या पता,
शायद मुझे मेरे जीने का मतलब मिल जाए।