अभी हल्की हल्की शुरुआत हुई है
अभी कहा ठीक से बरसात हुई है
सूरज का आना मुश्किल है आज
कल अंबर की घटा से बात हुई है
सिर्फ पेड़ पौधे और पक्षी ही नहीं
खुशहाल ये सारी कायनात हुई है
जल रहे थे धूप से जो हरे भरे पत्ते
उनके लिए सबनम की सौगात हुई है
खिल उठे है फूल महक रहा गुलिस्ता
कलियों से फुहारो की मुलाक़ात हुई है
सो गई नन्ही चिड़िया माँ से लिपटकर
बहुत दिनों बाद सर्द रात हुई है
____🖋️🖋️महेन्दर बाबू अल्मोड़ा!
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