(गणेश वंदना) हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। | हिंदी कविता

"(गणेश वंदना) हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। शंकर नन्दन पार्वती दुलारे तुझे मिला प्रथम पूज्य वरदान।। कष्टहरण दुखहरण हे प्रभु भगवान। हर कार्य आरम्भ करू तेरा नाम सुमिरन करू।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। मोदक लड्डू तुझे अर्पण करू। लाल वस्त्र भेट करू दुवी दल चढा वंदन करू।। जल तत्व के अधिपति शंकर नन्द भगवान। शुभ -लाभ दो रत्न तुम्हारे करते तुझे प्रणाम।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। समुख, एकदंत, विघ्नहरण शंकर पुत्र गणेश। हर संस्कार आरम्भ करू प्रथम नाम ले तेरा प्रभु ।। हर कार्य श्रीगणेश करू ले गणेश का नाम। तेरे प्रतिमा के दर्शन बिन, न शुरू करू कोई काम ।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। शीश झुकाये जो जन तेरे चरणों मे आये। दुःख दारिद्रय सब कष्ट मिटे विनती सुनो भगवान।। बुद्धि विधाता सिद्धि के दाता करते तुझे प्रणाम। एक अनुनय मेरी सुनो कर दो भव का कल्याण।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। ©संगीत कुमार"

 (गणेश वंदना) 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
शंकर नन्दन पार्वती दुलारे  तुझे मिला प्रथम पूज्य वरदान।। 
कष्टहरण दुखहरण हे प्रभु भगवान। 
हर कार्य आरम्भ करू तेरा नाम सुमिरन करू।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
मोदक लड्डू तुझे अर्पण करू। 
लाल वस्त्र भेट करू दुवी दल चढा वंदन करू।। 
जल तत्व के अधिपति शंकर नन्द भगवान। 
शुभ -लाभ दो रत्न तुम्हारे करते तुझे प्रणाम।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
समुख, एकदंत, विघ्नहरण शंकर पुत्र गणेश। 
हर संस्कार आरम्भ करू प्रथम नाम ले तेरा प्रभु ।। 
हर कार्य श्रीगणेश करू ले गणेश का नाम। 
तेरे प्रतिमा के दर्शन बिन, न शुरू करू कोई काम ।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
शीश झुकाये जो जन तेरे चरणों मे आये। 
दुःख दारिद्रय सब कष्ट मिटे विनती सुनो भगवान।। 
बुद्धि विधाता सिद्धि के दाता करते तुझे प्रणाम।
एक अनुनय मेरी सुनो कर दो भव का कल्याण।।
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन।

©संगीत कुमार

(गणेश वंदना) हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। शंकर नन्दन पार्वती दुलारे तुझे मिला प्रथम पूज्य वरदान।। कष्टहरण दुखहरण हे प्रभु भगवान। हर कार्य आरम्भ करू तेरा नाम सुमिरन करू।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। मोदक लड्डू तुझे अर्पण करू। लाल वस्त्र भेट करू दुवी दल चढा वंदन करू।। जल तत्व के अधिपति शंकर नन्द भगवान। शुभ -लाभ दो रत्न तुम्हारे करते तुझे प्रणाम।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। समुख, एकदंत, विघ्नहरण शंकर पुत्र गणेश। हर संस्कार आरम्भ करू प्रथम नाम ले तेरा प्रभु ।। हर कार्य श्रीगणेश करू ले गणेश का नाम। तेरे प्रतिमा के दर्शन बिन, न शुरू करू कोई काम ।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। शीश झुकाये जो जन तेरे चरणों मे आये। दुःख दारिद्रय सब कष्ट मिटे विनती सुनो भगवान।। बुद्धि विधाता सिद्धि के दाता करते तुझे प्रणाम। एक अनुनय मेरी सुनो कर दो भव का कल्याण।। हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। ©संगीत कुमार

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