उसे इतना पता है बस
कल कुछ इमारतों पर
फहराया जाएगा तिरंगा
बच्चों की युनिफॉर्म और
जूते सफ़ेदी से चमकते हो
छुट्टी का दिन जो ठहरा
खाने में कुछ खास पकेगा
नेताओं की भाषणबाजी
देश में मंहगाई, बेरोजगारी
सारे दिन ऐसी बातें...
अगले दिन ज़िंदगी फिर वहीं
आज़ादी या गुलामी किस को
पड़ी?
©हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी
#intezar #एकगृहिणीका स्वतंत्रता दिवस